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जयपुर, 3 जुलाई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2023-24 की क्रियान्विति में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 के नये प्रावधानों की राज्यस्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला उपनिदेशक, महिला अधिकारिता जयपुर द्वारा सोमवार को निदेशालय महिला अधिकारिता के सभागार में महिला एवं बाल विकास शासन सचिव जीतेन्द्र उपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास शासन सचिव जीतेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 का मुख्य उद्देश्य विवाहों में होने वाले अपव्यय को कम करना है साथ ही बाल विवाह को रोकना है। विवाह के लिए लड़के की उम्र 21 साल तथा लड़की की उम्र 18 होनी चाहिए। वर या वधू में से कोई एक राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। योजना में अनुदान हेतु वे ही मान्य होंगे जिनका नियमानुसार विवाह पंजीयन करवा लिया गया हो।
शासन सचिव ने बताया कि योजना अंतर्गत राज्य में सामूहिक विवाह के आयोजनों को प्रोत्साहित करने हेतु इस प्रकार का आयोजन कराने वाली संस्थाओं को निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने पर राज्य सरकार द्वारा अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 के तहत देय अनुदान राशि 25 हजार कर दी गई है। इस वृद्धि के सम्बन्ध में सामूहिक विवाह आयोजन करवाने वाली समस्त संस्थाओं को जागरूक करने एवं योजना के प्रचार प्रसार हेतु आमुखीकरण किया गया।
आयुक्त महिला अधिकारिता रेणु जयपाल ने उद्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 के अनुसार प्रति जोड़ा कुल अनुदान राशि ₹25 हजार रूपये कर दी गई है जिसमे से विवाह आयोजन के दिवस पर आई एफएमएस के माध्यम से रुपए 14 हजार रूपये का हस्तान्तरण वधु के खाते में तथा 04 हजार रूपये का हस्तांतरण संस्था को किया जाता है। विवाह होने के 60 दिन के बाद विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र व अन्य दस्तावेज (यदि कोई बकाया हो) ऑनलाइन प्रस्तुत करने पर आईएफएमएस के माध्यम से शेष राशि 07 हजार रुपये का हस्तांतरण वधु के खाते में किया जाता है। इस प्रकार 25 हजार रूपये की कुल देय अनुदान राशि में से 21 हजार रूपये का हस्तांतरण वधु के खाते में किया जाता है तथा 04 हजार रूपये का हस्तांतरण संस्था को किया जाता है।
आयुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 के तहत सामूहिक विवाह आयोजन में विभिन्न समाज, जाति व धर्म के परिवार सम्मिलित होकर अनेकता में एकता की भावना को साकार कर कम से कम 25 जोड़ों के विवाह आयोजन करने पर आयोजकों को 10 लाख रूपए प्रति सामूहिक विवाह आयोजन हेतु अतिरिक्त सहायता दिए जाने का प्रावधान है।
इस अवसर पर अतिरिक्त निदेशक श्रीमती आभा जैन ने सामूहिक विवाह योजना के लिए जनाधार को अनिवार्य बताया। इसके बाद विभागीय प्रोग्रामर ने ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को समझाया।
उपनिदेशक महिला अधिकारिता ने राजेश डोगरीवाल ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना 2021 पर द्वारा पीपीटी प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि योजना अनुसार सामूहिक विवाह के लिए कम से कम दस जोड़े होने चाहिए तथा अधिकतम 500 जोड़े हो सकते हैं।
कार्यशाला में बधाई सन्देश व फोटो सेशन आयोजित किया गया। इसके बाद खुली चर्चा सत्र का आयोजन किया गया।कार्यशाला के अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया गया।