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माइंस विभाग की एमनेस्टी योजना में 36 करोड़ 91 लाख रूपये जमा, 92 करोड़ से अधिक के मूल व ब्याज की राहत

एसीएस ,माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय -एमनेस्टी में जोधपुर सर्कल आगे, सिरोही में सर्वाधिक प्रकरण , जोधपुर में सर्वाधिक राशि जमा - बकायादारों से सीधे संपर्क कर बकाया जमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश - अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत

जयपुर, 4 जनवरी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम व जलदाय डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि माइंस विभााग की विभागीय बकाया व ब्याजमाफी की एमनेस्टी योजना, 2022 में अब तक 565 प्रकरणों में 36 करोड़ 91 लाख हैं। उन्होंने बताया कि 29 अगस्त, 22 को आदेश जारी कर छह माह के लिए लागू विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में फील्ड अधिकारियों को संबंधित बकायादारों से सीधे संपर्क कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए है। योजना के अनुसार 129 करोड़ से अधिक के प्रकरणों का निस्तारण हो गया है।
       एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवालं ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना, 2022 अप्रधान खनिजों में खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। योजना में ब्याजमाफी के साथ ही बकाया अवधि के अनुसार अलग-अलग स्लेब में मूल राशि में भी अधिकतम 90 प्रतिशत व कम से कम 40 प्रतिशत तक की राहत दी गई है। जिन बकायादारों में केवल ब्याजराशि बकाया है उन प्रकरणों में समस्त ब्याज राशि संबंधित खनि अभियंता व सहायक खनि अभियंता को स्वतः माफ करने के निर्देश दिए गए हैं। माइंस विभाग की यह बकाया व ब्याजमाफी योजना 29 अगस्त को आदेश जारी कर 6 माह के लिए लागू की है।
       डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एमनेस्टी योजना में जोधपुर सर्कल में सर्वाधिक 179 प्रकरणों में 17 करोड़ 60 लाख जमा हुए हैं और योजना प्रावधानों के अनुसार 44 करोड़ 26 लाख . की मूल व ब्याज राशि की राहत दी गई है। राजसमंद सर्कल में 97 प्रकरणों में 5 करोड़ 73 लाख . जमा हुए है और 6 करोड़ 67 लाख रूपये की मूल व ब्याज में राहत दी गई है। इसी तरह से जयपुर सर्कल में 96 प्रकरणों में 3 करोड़ 13 लाख रूपये जमा हुए है और 9 करोड़ 23 लाख . की मूल व ब्याज में राहत दी गई है। बीकानेर सर्कल में 48 प्रकरणों, भीलवाड़ा सर्कल में 26 प्रकरणों, अजमेर सर्कल में 31 प्रकरणों, भरतपुर सर्कल में 33 प्रकरणों, कोटा सर्कल में 26 प्रकरणों और उदयपुर सर्कल में 29 प्रकरणों में राशि जमा हुई है। उन्होंने एमनेस्टी योजना के सभी प्रकरणों में संबंधित से संवाद कायम कर योजना का लाभ उठाते हुए बकाया राशि जमा कराने को प्रेरित करने निेर्दश दिए हैं।
       निदेशक माइंस  संदेश नायक ने बताया कि विभागीय बकाया व ब्याजमाफी योजना में शेष रहे समय में अधिक से अधिक प्रकरणों में राशि जमा प्राप्त करने के निदशा फील्ड अधिकारियों को दिए गए हैं। एमई जोधपुर के यहां सर्वाधिक 6 करोड़ 44 लाखरु. जमा हुए हैं वहीं एमई सोजत के यहां 6 करोड़ 27,एमई राजसमंद प्रथम के यहां 5 करोड़ 15 लाख जमा हुए हैं। सर्वाधिक 145 प्रकरणों का निष्पादन एमई सिरोही कार्यालय में हुआ है।
 संदेश नायक ने बताया कि बकाया मूल व ब्याज राशि वसूली की एमनेस्टी योजना की नियमित समीक्षा आरंभ की गई है और अधिकारियों को इसमें ओर तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। खनिज विभाग स्तर पर वित्तीय सलाहकार श्री गिरीश कछारा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
गौतलब है कि योजना खनन पट्टों, क्वारी लाइसेंसों, बजरी हेतु जारी अस्थाई कार्यानुमति के डेडरेंट, अधिशुल्क, अधिक अधिशुल्क, शास्ति, आरसीसी, ईआरसीसी ठेकों की बकाया, परमिट, एसटीपी एवं निर्माण विभाग के ठेकेदारों की बकाया व अन्य विभागीय बकाया के 31 मार्च, 2021 तक के प्रकरणों पर लागू की गई है। इस योजना से राज्य सरकार के वर्षों से बकाया राजस्व की वसूली हो सकेगी। साथ ही इससे वसूली प्रयासों में लगने वाले अनावश्यक समय व धन की बचत होगी और वसूली कार्य में नियोजित मानव संसाधन का प्रोडक्टिव कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।

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