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पालीवासियों का गेंहू से ज्यादा खर्च तंबाकू का

युवा पीढ़ी को तम्बाकू से दूर रखने हेतु सामूहिक प्रयास करने की महती आवश्यकता

पाली। युवाओं को नशे से दूर रखना तथा निरोगी राजस्थान अभियान के तहत तम्बाकू मुक्त राजस्थान अभियान के क्रम में 25 से 31 मई तक प्रस्तावित विश्व तम्बाकु निषेध दिवस सप्ताह के आयोजन की निरन्तरता में तम्बाकू मुक्त पाली बनाने हेतु मिडिया कार्याशाला का आयोजन रविवार को एक निजी होटल में पाली जिला तम्बाकू नियन्त्रण प्रकोष्ठ तथा एसआरकेपीएस संस्थान के संयुक्त तत्वाधान मे किया गया। कार्याशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.इन्दरसिंह राठौड़ ने कहा कि कोटपा-2003 का प्रभावी क्रियान्वयन तथा विद्यालयों में तम्बाकू के दुष्प्रभावों की जानकारी देकर युवा पीढी को तम्बाकू मुक्त रखा जा सकता है। उन्होने कहा कि तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने हेतु जिला तम्बाकू नियन्त्रण प्रकोष्ठ तथा एसआरकेपीएस संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में कोटपा-2003 के तहत कार्यवाही व जागरूकता के कार्य किये जा रहे है तथा आगामी 25 से 31 मई के दौरान संचालित होने वाले विश्व तम्बाकु निषेध सप्ताह के सफल आयोजन हेतु विभिन्न स्तरों पर कई प्रकार की गतिविधियों का संचालन किया जायेगा। डॉ. राठौड़ कहा कि पाली जिले के समस्त शिक्षण संस्थानों को अतिशीघ्र तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाया जायेगा। उन्होंने बतया कि हमारी युवा पीढी को तम्बाकु से दूर रखना हमारी प्राथमिकता है, इस हेतु सामूकि प्रयास करने की महती आवश्यकता है।

तम्बाकू मुक्त राजस्थान अभियान के समन्वयक राजन चौधरी ने बताया कि विश्व में तम्बाकू उत्पादों के उपभोग से प्रतिवर्ष 80 लाख लोगो की मौत हो जाती है। वही भारत में प्रतिवर्ष 15 लाख लोगो की मौत होती है। जबकी राजस्थान में प्रतिवर्ष करीब 80 हजार लोग मौत के शिकार हो जाते है। चौधरी ने बताया कि पाली मे प्रतिदिन तम्बाकू उपभोग पर लगभग 1 करोड़ 89 लाख रुपए खर्च किए जाते हैं इसी प्रकार प्रतिमाह 58 करोड़ व प्रतिवर्ष 708 करोड़ रुपए तम्बाकू उपभोग पर खर्च किए जाते हैं, उन्होंने बताया कि राजस्थान में प्रतिदिन 220 लोग तम्बाकू से होने वाली बीमारियों के कारण मौत के आगोश में चले जाते है। उन्होने कहा कि राजस्थान को तम्बाकू मुक्त राजस्थान बनाने हेतु सभी जिलों में कार्य किये जा रहे हैं। राज्य सरकार के साथ भी एडवोकेसी की जा रही है कि तम्बाकू उत्पादों को बन्द करें या फिर शराब की तरह निर्धारित दुकानों के लाईसेन्स देकर बेचे जायें ताकि युवा पीढी को तम्बाकू उत्पादों से दुर रखा जा सके। चौधरी ने बताया कि राज्य में प्रतिवर्ष 10 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त हो सकता है परन्तु वतर्मान में गत कई वर्षाे से 350-400 करोड़ का ही राजस्व प्राप्त हो रहा है। चौधरी ने एक अध्ययन के आधार पर बताया कि राज्य मे 15 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगो द्वारा करीब 22 हजार करोड़ रूपये का पान मसाला, गुटका व तम्बाकू उत्पादों का उपभोग किया जाता है। प्रतिदिन राज्य में करीब 61 करोड रूपये के तम्बाकू उत्पादों का उपयोग किया जाता है।

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के साइकोलोजिस्ट व एएनएम प्रशिक्षण केंद्र के प्रिंसिपल के सी सैनी ने कहा कि राज्य सरकार की जन घोषणा युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए कारगर कदम उठाना तथा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष में राज्य में आयोजित किए जा रहे तंबाकू निषेध सप्ताह 25 से 31 मई 2003 तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है। उन्होंने बताया कि एड्स और सडक हादसों में जितनी मौंते नहीं होती उससे भी ज्यादा मौतें तंबाकू से बने उत्पाद खाने वालों की कैंसर आदि रोगों की चपेट में आने से हो जाती है। 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस है इसको लेकर आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों से लोगों को जागरूक करेंगे । लोगों को तंबाकू के उपयोग से होने वाले नुकसानों को लेकर जागरूक करने के लिए इस बार 25 से 31 मई 2023 के मध्य विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसको लेकर रोजाना जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे लोगों को तंबाकू के उपयोग न करने को लेकर जागरूक किया जा सके। सैनी ने कोटपा 2003 के बारे मे जानकारी देते हुये बताया की कहा कि मीडिया समाज का आईना है,वे पाली को तम्बाकू मुक्त बनाने एवं युवाओं को नशे की प्रथम पीढी से दूर रखने हेतु जागरूक कर सकते हैं। सभी वर्ग साथ मिलकर कार्य करे तो नशा मुक्त भारत व नशा मुक्त राजस्थान का सपना साकार हो सकता है।

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के जिला सलाहकार डॉ. अंकित माथुर ने बताया कि 25 मई से 31 मई तक मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से पंजीकृत हॉस्पिटल के द्वारा कोटपा अधिनियम 2003 को लेकर जागरूकता कार्यक्रम किया जाएगा। 26 मई को जिलास्तर और ब्लॉक स्तर पर जागरूकता रैली आयोजित की जाएगी। 23 से 26 मई तक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। अभियान के दौरान स्कूलों और हॉस्पिटल के आस-पास तंबाकू उत्पाद बेचने वालों के चालान करने की कार्रवाई भी की जाएगी।
एसआरकेपीएस के प्रतिनिधि विकाश कुमार ने बताया कि एम्स जोधपुर द्वारा किये गये अनुंसधान व अध्ययन के अनुसार 7000 टन कचरा तम्बाकू उत्पादो से होता है। जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होने बताया कि तम्बाकू उत्पादो से होने वाले कचरे से 30 लाख प्लास्टिक की बाल्टियांबनाई जा सकती है, 60 हजार पेड बचाये जा सकते है, 32 लाख नोटबुक बनाई जा सकती है तथा एक बोईग विमान 747 का निर्माण करवाया जा सकता है और 3.50 लाख टी शर्ट बानाये जा सकते है। इस कचरे को सम्मिलित प्रयासों से कम किया जा सकता है ताकि पर्यावरण को भी नुकसान ना हो। इस अवसर पर पाली एपीआरओ विनय सोमपुरा, जिला आईईसी समन्वयक नंदलाल शर्मा, डीईओ रेवंतराम प्रजापत सहित जिला मुख्यालय के इलेक्ट्रॉनिक व प्रिंट मीडिया के साथी उपस्थित रहे।

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