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पाली। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा एस.आर.के.पी.एस. संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को सुमेरपुर रोड़ स्थित एक निजी होटल में पाली शहर के तम्बाकु उत्पाद विक्रताओं के लिये एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. इन्दरसिंह राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान अपने सम्बोधन में सी.एम.एच.ओ. डॉ. इन्दरसिंह राठौड़ ने उपस्थित समस्त तम्बाकु उत्पाद विक्रेताओं का आह्वान किया कि वे कोटपा ( सिगरेट एवं अन्य तम्बाकु उत्पाद अधिनियम 2003 ) अधिनियम को प्रभावीरूप से क्रियान्वित करने में अपना सक्रिय सहयोग प्रदान करें एवं उनकी भूमिका का सही रूप से निर्वहन करें ताकि वे अनावश्यकरूप से किसी भी प्रकार की कार्यवाही एवं जुर्माने से बच सकें। उन्होंने सभी को सचेत किया कि कोटपा अधिनियम की पूर्ण जानकारी सभी को ठीक प्रकार से प्रदान कर दी गई है, इसके बाद भी यदि कोई तम्बाकु उत्पाद विक्रेता अधिनियम का उल्लंघन करता हुआ पाया जायेगा,तो उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी तथा जुर्माना भी वसूला जायेगा। प्रशिक्षण में जिन खुदरा विक्रेताओं, हॉलसेलरर्स या डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भाग लिया है,उनकी जिम्मेदारी है कि वे उनके अन्य साथी विक्रेताओं को भी इस बाबत जानकारी देकर उन्हें भी जागरूक करें।
कोटपा अधिनियम की विभिन्न धाराओं की जानकारी दी:-
उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विकास मारवाल ने बताया कि रविवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र के प्रधानाचार्य एवं बांगड़ चिकित्सालय के तम्बाकु मुक्ति केन्द्र के साईकॉलोजिस्ट के. सी. सैनी तथा एस.आर.के.पी.एस. संस्थान के कार्यक्रम अधिकारी सोनित मंडल द्वारा कोटपा अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में स्थानीय तम्बाकु उत्पाद विक्रताओं की भूमिका पर जानकारी का प्रजेन्टेशन दिया तथा कोटपा अधिनियम की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। जानकारी देते हुये बताया कि अधिनियम की धारा 4 के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थान पर कोई भी व्यक्ति धूम्रपान नहीं कर सकता एवं सार्वजनिक स्थान पर थूकना भी प्रतिबन्धित है, अतः सभी का आह्वान किया कि वे अपने प्रतिष्ठान्न पर किसी भी व्यक्ति को धूम्रपान करने से मना करें। जानकारी में बताया गया कि अधिनियम की धारा 5 के अनुसार किसी भी प्रकार के तम्बाकु उत्पाद का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्षरूप से विज्ञापन करना भी प्रतिबन्धित है,अतः सभी विक्रताओं का आह्वान किया कि वे अपने प्रतिष्ठान्न पर किसी भी तम्बाकु उत्पाद का किसी भी रूप में विज्ञापन करने हेतु कोई बैनर, फ्लैक्स,पोस्टर या स्टिीकर्स नहीं लगवायें, तम्बाकु उत्पादों का प्रदर्शन भी दुकान पर नहीं करें। अधिनियम की धारा 6 के अनुसार किसी भी नाबालिक को तम्बाकु उत्पादों का विक्रय नहीं करें तथा दुकान पर नाबालिग से विक्रय नहीं करवायें, इसी प्रकार किसी भी शिक्षण संस्थान से 100 गज की दूरी के अंदर तम्बाकू उत्पाद की दुकान नहीं लगावें। धारा 7 के अनुसार बिना सचित्र चेतावनी के तम्बाकु उत्पादों का विक्रय नहीं करें, इसके लिये आवश्यक है कि सिगरेट या बीड़ी के पैकिट को खोलकर उसका विक्रय नहीं करें। बिना 85 प्रतिशत भाग की सचित्र चेतावनी वाले उत्पादों का विक्रय भी नहीं करना चाहिये।
तम्बाकु के दुष्परिणामों पर चर्चा की:-
ए.एन.एम. प्रशिक्षण केन्द्र के प्रधानाचार्य के. सी. सैनी ने कार्यशाला में उपस्थित सभी लोगों को तम्बाकू से होने वाले सम्भावित दुष्परिणामों की जानकारी पर चर्चा करते हुये बताया कि फेफड़े का कैंसर, गले का कैंसर, मुॅंह का कैंसर, जीभ का कैंसर ,ऑंतों का कैंसर आदि गम्भीर बीमारियां तम्बाकु उत्पादों के सेव के कारण ही होती हैं। उन्होंने बताया कि बांगड़ चिकित्सालय में तम्बाकु की लत छुड़ाने का केन्द्र संचालित किया जा रहा है,जहॉं पर कोई भी व्यक्ति निःशुल्क परामर्श प्राप्त कर सकता हेै तथा तम्बाकु की लत छुड़ा सकता है। इस केन्द्र पर निःशुल्क दवाईयां भी प्रदान की जाती हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला आईईसी समन्वयक नन्दलाल शर्मा, जिला तम्बाकु प्रकोष्ठ के रेवन्त राम कुम्हार, किराणा व्यापार संघ के अशोक कुमार भागनानी, हॉलसेलर विक्रेता हीरा लाल लखवानी, नन्दलाल वासवावानी, विवेक भाटिया, मुरली मनोहर व्यास सहित लगभग 50 लोग उपस्थित रहे।