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झुंझुनूं, (26 फरवरी 2024)। केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 (रेगुलेशन ऑफ कोचिंग सेंटर) के लिए प्रस्तावित गाइडलाइन में दिए गए सुझावो को राज्य सरकार द्वारा लागु करवाने हेतु सोमवार को स्कूल क्रांति संघ झुंझुनूं इकाई द्वारा मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर झुंझुनूं को ज्ञापन सौपा गया।
जानकारी देते हुए स्कूल क्रांति संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. दिलीप मोदी ने बताया कि प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स की मनमानी को केंद्र सरकार ने लगाम कसने की तैयारी की है जिसमें जनवरी में कोचिंग सेंटर विनियमन 2024 लाया गया है जिसके तहत अब कोई भी कहीं भी और कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा। क्योकि इसके लिए सबसे पहले उसे रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक होगा। यही नहीं इस रेगुलेशन के माध्यम से अब कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा जिसका सीधा सा अर्थ है कि कोचिंग सेंटर केवल किताबी ज्ञान को बढ़ावा देते है। जबकि ये उम्र बच्चों के चहुमुखी विकास की होती है, जिसे कोचिंग संसथान कभी पूरा नहीं कर सकती। इसी रेगुलेशन के माध्यम से अब कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे। केंद्र ने ये गाइलाइन देश भर में नीट या जेईई की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को लेकर दिया है। गाइडलाइन के अनुसार, आईआईटी जेईई, एमबीबीएस, नीट जैसे प्रोफेशनल कोर्स के लिए कोचिंग सेंटरों के पास फायर और भवन सुरक्षा संबंधी एनओसी होनी चाहिए, परीक्षा और सफलता के दबाव को लेकर छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए उन्हें मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सहायता भी उपलब्ध कराई जाए इसकी भी सुनिश्चितता कोचिंग सेंटर द्वारा इसी रेगुलेशन से मुमकिन हो सकेगी।
इस रेगुलेशन के तहत कोचिंग संस्थानों को स्कूल के समय विद्यार्थियों की कक्षाएं आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। डमी विद्यार्थी का दाखिला लेकर बच्चे स्कूल के जरिए 11वीं और 12वीं के पेपर देते हैं पर वहां कक्षाएं लगाने की बजाय कोचिंग सेंटर में पढ़ते हैं। इससे बच्चों की स्कूली शिक्षा प्रभावित होती है ऐसे में स्कूल समय में कोचिंग संस्थानों का संचालन नहीं हो यह इसी रेगुलेशन से सुनिश्चित होगा। इस रेगुलेशन के तहत कोचिंग संस्थानों में अंधाधुन्द रजिस्ट्रेशन को लगाम लगाने के लिए प्रति विधार्थी बैठने की व्यवस्था 1 वर्ग मीटर होना आवश्यक है।
उन्होने बताया की राजस्थान कोचिंग इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सेंटर है जहां लाखो अभ्यर्थी प्रति वर्ष कोचिंग इंस्टिट्यूट में प्रवेश लेते है और उनकी सफलता का प्रतिशत ना के बराबर होता है फिर भी उनको अनेको सपने दिखाए जाते है जो उन्हें मौत के मुँह की और ले जाते है ऐसे में राज्य सरकार को भी इस रेगुलेशन को प्रभावी ढंग से लागु करना चाहिए।
स्कूल क्रांति संघ जिलाध्यक्ष रिसाल सिंह पायल ने बताया की शेखावटी संभाग कोटा के बाद कोचिंग इंडस्ट्री में दूसरे नम्बर पर आता है जहा लाखो की संख्या में विधार्थी नीट और जेईई की तैयारी करते है जिस उम्र में उन्हें परिवार और संस्कार की शिक्षा मिलनी चाहिए उस उम्र में किताबो का बोझ उन पर लाद दिया जाता है और इसके परिमाण उनको मौत के मुँह तक अग्रसर करते है इसीलिए आज झुंझुनूं इकाई द्वारा जिला कलेक्टर झुंझुनूं को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया । साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में विद्यालयों की जांच अनावश्यक रूप से नहीं करने का भी ज्ञापन स्कूल क्रांति संघ द्वारा दिया गया।
ज्ञापन देने वालों में रणवीर थालोर, कुरड़ाराम धींवा, लक्ष्मण मील, प्रवीण कृष्णिया, श्याम सूंदर शर्मा, सुभाष डिग्रवाल, सुभाष रेपस्वाल, नरेंद्र पूनियां, समंदर सिंह, सुरजीत झाझड़िया, सतीश माठ, राधेश्याम सहित अनेक शिक्षण संस्थान के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।