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होटल नटराज के साथ सीकर होटल भी अतिक्रमण के दायरे में, कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के कारण मामला लटका रहा

नटराज होटल के कुछ हिस्से को अतिक्रमण मुक्त किया गया, जिला प्रशासन के अधिकारी व पुलिस के अधिकारी मौके पर मौजूद

सीकर (17 जून 2024)। स्टेशन रोड़, कल्याण सर्किल के पास स्थित नटराज होटल के कुछ हिस्से को न्यायालय द्वारा हटाये जाने के आदेश के बाद एक ओर आमजन में खुशी का माहौल है तो वहीं होटल के मालिक व उसके नीचे बनी कुछ दुकानों के मालिकों में चिंता की लहर है। वहीं इस क्षेत्र में एक अन्य बड़ी होटल सीकर होटल भी अतिक्रमण के दायरे में पहले ही आ चुकी है, परंतु सूत्र बताते हैं कि उसके नीचे बनी दुकानों के कुछ एक दो मालिक प्रभावशाली बताये गये हैं। जिनकी वजह से यह मामला वर्षों से लम्बित पड़ा है।
वैसे देखा जाये तो न्यायालय के फैसले के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं नगर परिषद नटराज होटल को तीन चार दिन पहले ही नोटिस दे दिया था और कहा गया कि अगर स्वयं होटल के कुछ हिस्से को हटा ले अन्यथा प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जायेगी, वही समय सीमा पूरी होने के पश्चात रविवार सुबह 6:15 के करीब होटल नटराज के कुछ हिस्से को हटाने का काम प्रशासन द्वारा शुरू किया गया परंतु शहर के कल्याण सर्किल ही नहीं अपितु शहर में बहुत से ऐसे स्थान है जो अतिक्रमण के साये में है। जब तक मास्टर प्लान लाकर व सही रूप रेखा के साथ इन पर कार्य नहीं होगा तब तक आमजन को यूँ ही परेशानियां झेलनी पड़ेगी। हम याद करें तत्कालीन जिला कलेक्टर सीकर एल एन सोनी को तो उन्होंने जो सीकर जिले के लिए व शहर के लिए कार्य किया वह बड़ा ही सराहनीय था। उस वक्त तो लोगों में एक बार उनके खिलाफ नाराजगी देखने को मिली परंतु जब आमजन को अतिक्रमण से मुक्ति मिली तब जाकर हर व्यक्ति ने उनकी सराहना की।
उनके द्वारा किये गये प्रयासों के कारण आमजन काफी राहत महसूस कर रहा है। वहीं उससे पूर्व काफी वर्षों पूर्व भारद्वाज नाम के अधिकारी आये थे उन्होंने भी जो कार्य किया सीकर शहर के लिए वो हमेशा हमेशा याद किया जायेगा।
इन दो अधिकारियों के अलावा सीकर जिले में कोई ऐसा बड़ा अधिकारी वो कार्य नहीं कर सका जो तत्कालीन कलेक्टर एल एन सोनी व नगर परिषद में प्रशासनिक अधिकारी भारद्वाज ने किया था।

हम देखते आ रहे हैं अतिक्रमण के मकड़जाल हो हर जगह कुकरमुत्त्तों की तरह फैल रहा है। शहर में बड़े-बड़े कॉम्पलेक्स, बड़े बड़े कुछ निजी अस्पताल, कुछ छोटे अस्पताल, कुछ बड़ी बड़ी होटलें जो कि मुख्य रोड़ पर है चाहे इनमें स्टेशन रोड़ हो, कल्याण सर्किल पर हो बस डिपो क्षेत्र में हो इनमें पार्किंग के नाम पर कोई जगह नहीं छोड़ी गई है, सब कुछ मुख्य सड़कों पर वहीं कुछ बैक वाले चाहे बड़ी बैक हो था छोटी बैक इनके यहां भी पार्किंग एक भी बैक के बाहर नहीं है जो मुख्य रोड़ पर हो, वहीं कुछ विवाह स्थल जो एक शादी के लाखों रूपये वसूलते है उनके यहां भी यहीं समस्या है वहीं सबसे बड़ी अतिक्रमण की पहचान है कुछ प्राईवेट अस्पताल इन्होंने एक एक इंच जमीन काम में लेकर अण्डर ग्राउण्ड से लेकर मंजिलों तक बिल्डिंग बनाई है। पर उनमें अगर सीकर शहर में देखें तो अधिकतर में पार्किंग का स्थान नहीं है, वे भी अपनी गाड़ियां फिर एम्बुलेंस फिर उनके यहां आने वाले मरीज की गाड़ियां, उनसे मिलने आने वाले मरीज के रिश्तेदार सभी के वाहन रोड़ पर कमोबेश देखें तो आधी सीकर शहर पर तो तो उन्होंने अतिक्रमण कर रखा है। कल्याण कॉलेज के सामने मुख्य रोड़ पर बड़े अस्पताल के पास, फतेहपुर रोड़, बजाज रोड़, जयपुर रोड़, बस डिपो के पास जहां पर भी मुख्य रोड़ पर कुछ छोटे कुछ बड़े अस्पताल है उनकी स्थिति क्या है, अतिक्रमण को लेकर हम भलीभाँति समझ सकते हैं।
वहीं कुछ अस्पतालों में देखें तो फायर सिस्टम भी नहीं है अगर इनमें कोई आग लगने की स्थिति उत्पन्न हो जाती है तो उनके पास फायर सिस्टम नहीं है, ऐसे में एक तो अतिक्रमण व दूसरा इनके द्वारा मापदण्डों पर खरा न उतरना।
वैसे न्यायालय ने जा फैसला दिया है वह बड़ा ही प्रशंसनीय है, क्योंकि हम देखते है कि राजनीति की ताकत हर जगह आगे आकर ऐसे कार्यों को बढ़ावा देती है।

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