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अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर हज़ारों महिलों ने शंभु और खन्नौरी बॉर्डर पर संभाला मोर्चा
मोर्चे की बागडोर में महिला शक्ति का पूरा योगदान रहेगा, 10 मार्च को रेल रोको अभियान में महिलाओं की बराबरी की भागीदारी रहेगी
दिल्ली,(8 मार्च 2024)। शंभु और खिन्नौरी बॉर्डरों पर चल रहे किसान आन्दोलन 2.0 के 25 दिन हो गए और आज के दिन दोनो बॉर्डरों पर अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर मीडिया को संबोधित करते हुए महिला किसान नेता सुखविंदर कौर, समिता कौर मांगट, गुरप्रीत कौर बरार, सुखदेव कौर कलानंगल, दीप संधू ने बताया की आज अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हजारों की संख्या में पंजाब, हरियाणा से महिला किसानों ने बॉर्डरों पर शिरकत की। महिला किसान नेताओं ने सभी महिलाओं को आपने हकों और फसलों की सम्पूर्ण कीमत की मांग को लेकर बॉर्डरों पर आने के लिए धन्यवाद किया। उन्होने कहा कि देश को याद रखना चाहिए की किसान कमेरा कौम ने सदा ही कुरबानी देने से परहेज नहीं किया। माता गुजरी, छोटे शहीबजादे, रानी लक्ष्मीबाई की कुरबानी यह साबित करती है की हमेशा से ही महिला शक्ति देश की लिए आगे आती रही है।
बॉर्डरों पर भाजपा सरकार द्वारा किसानों पर की जा रही बर्बरता, आसू गैस गोले, ड्रोन द्वारा पंजाब की हद्द में गोलाबारी और किसानों पर सीधी गोली चलाना सीधा सीधा लोकतंत्र का कत्ल है। मोदी और खट्टर को चेतावनी देते हुए कहा कि वह किसान और महिला किसान को कमजोर ना समझें और किसान कुर्बानी देने से डरते नहीं है। महिला किसानों का देश के विकास मे खास योगदान रहा है चाहे वह हरित क्रांति हो या सफ़ेद क्रांति। ऐनुअल पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2021~2022 का हवाला देते हुए बताया की भारत में कामकाजी महिलाओं में 62.9% महिलाएं किसानी और खेतीबाड़ी में काम करती है।
एक महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए महिला किसान नेताओं ने बताया की मोर्चे की बागडोर में महिला किसानों की अहम भूमिका रहेगी और 10 मार्च को होने वाली रेल रोको अभियान में भी महिला किसान, पुरुष किसानों के साथ बराबरी में रेल रोकेगी।
उन्होंने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट की महिलाओं और बच्चों की मोर्चे पर शिरकत पर टिप्पणी पर एक सवाल के जवाब में बताया कि हरियाणा सरकार और कोर्ट को यह पता होना चाहिए कि किसानों के शांतमयी आंदोलनों में हमेशा पुरुषों के साथ स्त्री और बच्चों की बराबर हिसेदारी रहती है जैसे खेत में रहती है। इस बार भी शांतमई आंदोलन में महिला किसान शामिल है जिस पर हरियाणा पुलिस और केंद्री बलों ने जब्बर किया जिसे छुपाने के लिए हरियाणा सरकार ने कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए। इतिहास गवाह हैं कि देश की महिलाओं ने सदा ही पुरषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर देश के विकास और हित में योगदान दिया है।
आज के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बलजीत कौर मक्कू और सुखविंदर कौर ने मोर्चे पर बतौर स्टेट सेक्रेटरी अपनी भूमिका निभाई। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय महिला पहलवान साक्षी मलिक, गुरप्रीत कौर, दविंदर कौर हरदासपुर, कुलदीप कौर मोगा, मनदीप कौर दसौली, गुरजीत कौर और अन्य महिला वक्ताओं ने संबोधित किया।