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जयपुर, (18 जनवरी 2025)। राज्य तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ व एसआरकेपीएस के संयुक्त तत्वाधान में राज्य में तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए वाइटल स्ट्रेटजी नई दिल्ली के डॉ.जे.एस राणा के द्वारा भारत में तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श सेवाओं के वर्तमान स्तर तथा भविष्य की आवश्यकताओं के विषय में प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रतिभागियों को जानकारी दी गई। राणा ने बताया कि राज्य में तथा संपूर्ण भारत में तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केंद्र की सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की आवश्यकता है। राज्य में लगभग 1.5 करोड़ के आस—पास जो वयस्क लोग तंबाकू उपभोगी है उन्हें तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श की सेवाओं से लाभान्वित किया जा सके। एएसपीओ एनटीसीपी के नरेंद्रसिंह द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से बताया गया कि राज्य में लगभग 5 करोड़ वयस्क है जिनमें से 1.5 करोड़ के लगभग तंबाकू उपभोगी है और इसमें से 50% से भी अधिक लोगों के द्वारा तंबाकू मुक्ति के लिए पूर्व में योजना बनाई गई है,परंतु तंबाकू उत्पादन के लतकारी एवं विषकारी प्रभाव के कारण अधिकतर लोग तंबाकू छोड़ने में असफल रहते हैं। राजस्थान कैंसर फाउंडेशन के डॉ.राकेश गुप्ता द्वारा मेडिकल कॉलेज में एवं डेंटल कॉलेज में तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्रो के संचालन के विषय में प्रेजेंटेशन दिया गया तथा प्रतिभागियों को यह जानकारी दी गई की मेडिकल कॉलेज तथा डेंटल कॉलेज में किस तरीके से तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केंद्र संचालित किए जाएं तथा केन्द्रो के संचालन के लिए किन उपकरणों दवाइयां एवं तकनीक की आवश्यकता है। साइकोलॉजिस्ट गगन पंचारिया तथा संगीता जोधा के द्वारा जिला स्तर पर संचालित तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्रों की उपकरणों,दवाइयों एवं अन्य आवश्यकताओं के विषय में तथा रोगियों को काउंसलिंग की प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई। नेशनल मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के राज्य सलाहकार ललित प्रताप त्रिपाठी के द्वारा बताया गया कि मेंटल हेल्थ प्रोग्राम में काफी संख्या में ऐसे रोगी है जिनकी मानसिक समस्या का प्रमुख कारण तंबाकू उपयोग है इसलिए तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम तथा मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के बीच में बेहतर समन्वय की आवश्यकता है तथा इसकी कार्य योजना के विषय में भी कार्य किया जाएगा। डॉ.पुनीत चाहर के द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के द्वारा यदि तम्बाकू मुक्ति की सलाह दी जाती है तो काफी संख्या में तम्बाकू उपभोगी तम्बाकू छोड़ने की ओर अग्रसर होंगे अस्पतालो के विभिन्न विभागों जैसे दन्त रोग, ईएनटी, मेडिसिन से तंम्बाकू उपभोगी रोगियो को तम्बाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्र पर रेफर करने लिए प्रक्रिया निर्धारित कि जाये ताकी अधिक से अधिक रोगियो तम्बाकू मुक्ति सेवाओं का लाभ मिल सके। कार्यशाला के अंत में एसआरकेपीएस के राजन चौधरी के द्वारा आगामी कार्य योजना के विषय में बताया गया तथा गांधी फाउंडेशन के डॉ.रमेश गांधी के द्वारा सभी प्रतिभागियों एवं रिसोर्स पर्सन का धन्यवाद किया गया। कार्यशाला में राज्य के 17 तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी व काउंसलर सहित जयपुर जिले के मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेज के तंबाकू मुक्ति उपचार एवं परामर्श केन्द्रो के प्रभारी अधिकारियों के द्वारा भाग लिया गया। कार्यशाला का आयोजन होटल ओम टावर में किया गया।