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विधानसभा आम चुनाव-2023- राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को अभ्यर्थी के नामांकन एवं आपराधिक पृष्टभूमि से जुड़ी प्रक्रियाओं की दी जानकारी
आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार के अपराध की जानकारी का 10 से 23 नवम्बर 2023 तक 3 बार करना होगा प्रकाशन एवं प्रसारण – मुख्य निर्वाचन अधिकारी
जयपुर, । विधानसभा आम चुनाव-2023 के मद्देनजर प्रदेश की समस्त राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को निर्वाचन विभाग के विशेषज्ञों द्वारा अभ्यर्थियों के नामांकन एवं आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ी संपूर्ण प्रक्रियाओं की बारीक से बारीक जानकारी से अवगत करवाया गया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बुधवार को प्रदेश की समस्त राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों को अभ्यर्थियों के नामांकन एवं आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़ी प्रक्रियाओं की जानकारी दी। नामांकन के संबंध में प्रपत्र-2बी एवं प्रपत्र 26 को भरने से जुड़े समस्त बिंदुओं, संभावित गलतियों एवं विशेष ध्यान देने योग्य सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा इससे जुड़े सभी वैधानिक पक्षों पर भी चर्चा की।
नामांकन भरने की प्रक्रिया को स्पष्ट करते हुए सर्वप्रथम यह बताया गया कि प्रपत्र-2बी भरते समय अभ्यर्थी का नाम, उसका छायाचित्र, उम्र, दो से अधिक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में नाम निर्देशित नहीं करने की घोषणा, आरक्षित श्रेणी की विधानसभा सीट की स्थिति में अभ्यर्थी की जाति की घोषणा आदि स्पष्ट रूप से दिए जाने को विशेष उल्लेखित किया जाए। नामांकन प्रपत्र के साथ प्रारूप 26 में अभ्यर्थी द्वारा दिए जाने वाले शपथ पत्र को भरने के संबंध में यह बताया गया कि इसके भाग-क एवं ख को विशेष सावधानीपूर्वक स्पष्ट एवं सुपाठ्य रूप से भरा जाना चाहिए। सभी ब्यौरों में व्यक्तिगत ब्यौरों के साथ-साथ चल-अचल सम्पत्ति ब्यौरा, ऋण आदि का ब्यौरा, आय के स्रोतों का ब्यौरा दिया जाना है। किसी भी स्थान को रिक्त नहीं छोड़ा जाएगा। यदि किसी मद के संबंध में कोई जानकारी नहीं है तो यथास्थिति शून्य या लागू नहीं होता उल्लेखित किया जाना चाहिए। शपथ पत्र नामांकन करने के अंतिम दिन को अपराह्न तीन बजे तक जमा कराया जा सकता है, जिसकी शपथ किसी शपथ कमिश्नर या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट या नोटरी पब्लिक के समक्ष ली जानी आवश्यक है।
राजनैतिक दल के सभी सदस्यों को यह स्पष्ट तौर पर बताया गया कि अगर अभ्यर्थी कानून द्वारा अपात्र घोषित हो जाता है अथवा किसी लाभ के पद पर रहते हुए नामांकन भरता है अथवा न्यायालय द्वारा विकृत चित्त घोषित किया जाता है या दिवालिया घोषित हो चुका होता है अथवा भारत का नागरिक नहीं है अथवा पूर्व में तीन वर्ष के दौरान हुए किसी चुनाव में अपने खर्च का ब्यौरा आयोग को जमा नहीं करवा पाता है, आदि कारणों से उसका नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा। अतः नामांकन भरते समय अथवा अभ्यर्थियों का चयन करते समय राजनैतिक दल इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखें।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में आयोग ने अभ्यर्थियों के आपराधिक रिकॉर्ड यदि कोई हो तो उन्हें प्रसारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये है। सभी राजनैतिक दलों को जिनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत रखने वाले अभ्यर्थियों को उम्मीदवार बनाया गया है, उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नवीन प्रारूप सी-7 में ऐसे अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि उनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत्त रखने वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना गया है। उक्त प्रकाशन की सूचना ऐसे राजनैतिक दलों को प्रारूप सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी प्रेषित किया जाना आवश्यक होगा। राजनीतिक दलों तथा अभ्यर्थियों के आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिये उन्हें फॉर्म सी-1 व सी-2 के द्वारा राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चैनल्स में प्रसारित करवाना होगा।
उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव हेतु निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को सी-1 एवं सी-2 प्रारूप में प्रकाशन की समयावधि इस प्रकार होगी।
1 – प्रथम प्रकाशन दिनांक 10-11-2023 से दिनांक 13-11-2023 के बीच
2. द्वितीय प्रकाशन दिनांक 14-11-2023 से दिनांक 17-11-2023 के बीच एवं
3. तृतीय प्रकाशन दिनाकं 18-11-2023 से चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि तक (दिनांक 23-11-2023 तक)
ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो तथा स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो, में उक्त विहित सी-1 एवं सी-2 प्रारूप प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार विभिन्न टीवी चैनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि प्रातः 8 से रात्रि 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सैकंड के लिए की जानी आवश्यक होगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान नियम और कानून जानने वालों को कभी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। अतः सभी को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए दिशा-निर्देशों और चुनाव संबंधी नियम-कानूनों का गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए। इस प्रशिक्षण में राज्य की सभी राजनैतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान राजनैतिक दल के प्रतिनधियों द्वारा पूछे गए विभिन्न सवालों के भी विशेषज्ञों ने विस्तार से जवाब दिए।