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सरकार के साथ व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर के प्रयासों से ही राजस्थान हो सकता है टीबी मुक्त – मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन

जयपुर, 22 मार्च। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने कहा कि प्रदेश और देश को 2025 तक टीबी (क्षय) मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ग्राम स्तर तक टीबी को हराकर आए लोगों में से कुछ को टीबी चैंपियन के रूप में प्रस्तुत करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर प्रयास होंगे तो प्रदेश जल्द ही टीबी मुक्त हो सकेगा।

डॉ सोनी विश्व क्षय रोग दिवस के मौके पर जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टीबी संक्रामक रोग है और ड्रॉपलेट से भी फैल सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी के उन्मूलन के यह जरूरी है कि लक्षण दिखते ही जांच करवाएं। संक्रमित पाए जाने पर दवा लेना शुरू करें और दवा बीच में ना छोड़ें। उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन कार्यक्रम सही मायने में तब ही सफल हो सकेगा जब गांव-ढाणी तक बैठे टीबी संक्रमित व्यक्ति तक सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं और उपचार की जानकारी मिल सकेगी।

मिशन निदेशक ने बताया कि दुनिया के 26 प्रतिशत टीबी मरीज भारत में है, जबकि राजस्थान में देश के 7 प्रतिशत मरीज टीबी से संक्रमित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर टीबी जांच की जा रही है। आने वाले समय में इसे और भी बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 3 जिलों में डीएसटी कल्चर लैब लगी हुई है, जिसे बढ़ाकर 5 जिलों तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर ऐसे प्रयास हों कि देश को टीबी मुक्त की घोषणा में राजस्थान का नंबर पहले स्थान पर हो।

जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ वीके माथुर ने कहा कि टीबी को हराने में सामुदायिक सहभागिता बेहद जरूरी है। टीबी कोई लाइलाज बीमारी नहीं है, कुछ महीने की दवा लेने के बाद इस बीमारी से मुक्ति पाई जा सकती है।

राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ विनोद गर्ग ने बताया कि वर्ष 2021 में प्रदेश भर में 1 लाख 50 हजार लोगों को नोटिफाई किया गया था। प्रदेश में 130 नाट मशीनें उपलब्ध हैं। आने वाले समय में हर ब्लाक में यह मशीनें उपलब्ध हो सकेंगी। उन्होंने कहा कि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी संक्रमित मरीजों को 500 प्रतिमाह सहायता राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संक्रमितों को व्यापक स्तर पर जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर निक्षय पत्रिका एवम स्टेट स्ट्रेटेजिक प्लान का भी विमोचन किया गया। साथ ही राष्ट्रीय टीवी उन्मूलन कार्यक्रम में सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं व अधिकारी कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में आरसीएच निदेशक डॉ के एल मीणा भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर डॉ रामबाबू शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, शिशु रोग विभाग, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, डॉ भावना शर्मा, सीनियर प्रोफेसर, न्यूरोलॉजी विभाग, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने क्षय रोग व्याख्यान प्रस्तुत किये।

24 मार्च से 13 अप्रैल तक संचालित होंगी टीबी के प्रति जनजागरूकता गतिविधियां

गौरतलब है कि प्रदेश में टीबी यानि क्षय रोग के प्रति जनजागरूकता विकसित करने और इसके उन्मूलन के लिए 21-दिवसीय टीबी मुक्त राजस्थान अभियान चलाया जाएगा। विशेषकर आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वैलनेस केंद्रों के क्षेत्रों में विश्व क्षय रोग दिवस के उपलक्ष्य पर 24 मार्च से 13 अप्रैल तक विभिन्न जनजागरूकता गतिविधियों के साथ ही टीबी की जांच, उपचार, परामर्श सेवाओं सहित अनेक चिकित्सा प्रबन्धन के कार्य संचालित किये जायेंगे।

इस अभियान में टीबी रोगियों के लिये उपलब्ध उपचार एवं जांच सुविधाऐं और अधिक सुदृढ़ की जाएंगी। इसके साथ ही टीबी रोगियों की बैंक खाते की डिटेल निक्षय पोर्टल पर अपलोड की जाएंगी, सभी टीबी रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत निर्धारित राशि का भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाएगा, टीबी चैंपियन की ट्रेनिंग कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि टीबी चैंपियन टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत समाज मे टीबी रोग के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। अभियान के दौरान लोगों के लिये समझाइश सत्र आयोजित होंगे, समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और टीबी जागरूकता हेतु अन्य विभिन्न गतिविधियां जैसे ग्राम सभा, जन आरोग्य समिति बैठक, टीबी के रोगियों हेतु वैलनेस सत्र, पोस्टर प्रतियोगिता आदि गतिविधियां आयोजित की जाएगी।

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