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जयपुर,21 जूलाई। कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी लाल मीणा ने शुक्रवार को विधानसभा में स्पष्ट किया कि कृषि कार्य करते समय किसान की दुर्घटना में मृत्यु होने पर राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना की पात्रता की स्थिति में आश्रित को सहायता राशि किसी भी एक योजना में ही देय है।
कृषि विपणन राज्यमंत्री प्रश्नकाल में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। इससे पहले विधायक हीराराम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उन्होंने स्पष्ट किया कि राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के अन्तर्गत कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में किसान की मृत्यु होने पर आश्रित को संबंधित मण्डी समिति द्वारा आर्थिक सहायता राशि दिये जाने का प्रावधान है।
मीणा ने बताया कि कृषि कार्य करते समय दुर्घटना में मृत्यु का प्रकरण राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना के दिशा-निर्देशों में कवर होने पर 2 लाख रूपये की सहायता मण्डी समिति कोष से दी जाती है। उन्होंने बताया कि मण्डी समिति द्वारा दी गई सहायता राशि का पुनर्भरण राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा इस बाबत गठित कोष से किया जाता है। इस कोष में प्रतिवर्ष 25 करोड़ रुपये की राशि राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड से तथा 25 करोड़ रुपये की राशि विशिष्ठ एवं अ श्रेणी की मण्डी समितियों से अंशदान के रूप में प्रदान की जाती है।
इस दौरान उन्होंने राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना अन्तर्गत कृषि कार्य के दायरे में लिए गये कार्यों का विवरण सदन के पटल पर रखा।
कृषि विपणन राज्यमंत्री ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बिलाड़ा में बिलाड़ा, पीपाड शहर तथा भगत की कोठी एवं राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि उपज मण्डी समिति (अनाज) जोधपुर आती है। उन्होंने बताया कि विगत 3 वर्षो में 2020-21 से 2023-24 तक 43 आवेदकों को 71.85 लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनान्तर्गत दी जा रही सहायता राशि को बढाये जाने का कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।