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सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से नवीन शैक्षणिक सत्र में छात्रवृत्ति स्वीकृति की प्रक्रिया हुई सरल, सुगम, त्वरित और पारदर्शी

अनुचित तरीके से छात्रवृत्ति लिए जाने पर विद्यार्थी होगा डिबार एवं शिक्षण संस्थान होगा ब्लैकलिस्ट

जयपुर, । सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बताया कि विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके छात्रवृत्ति स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल, सुगम, त्वरित और पारदर्शी बना दिया गया है जिससे कि विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति मिल सके। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रति वर्ष करीब 8 लाख विद्यार्थियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है।
जूली ने बताया कि आवेदन से लेकर छात्रवृत्ति भुगतान तक की समस्त प्रक्रियाओं को छात्रहित में ऑनलाइन एवं पेपरलेस बनाया गया है। जाति, मूल निवास एवं आय इत्यादि का अधिकांश डेटा जनाधार से छात्रवृत्ति आवेदन में डिजिटली ऑटोफैच किया जा रहा है।
शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने बताया कि गलत तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त करने को रोकने के लिए छात्रवृत्ति पोर्टल में उत्तरोत्तर सुधार करवाते हुए नवीन सत्र 2023-24 से फ्रॉड मिटिगेशन एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी एडवांस्ड तकनीकों का प्रयोग किया गया है, जिससे अब छात्रवृत्ति योजना हेतु निर्धारित मापदंडों को पूरा नहीं करने वाले विद्यार्थी छात्रवृत्ति आवेदन ही नहीं कर सकेंगे। छात्रवृत्ति आवेदनकर्ता की बायोमैट्रिक पहचान (फिंगरप्रिंट, फेस रिकॉग्निशन एवं आईरिस स्कैन) सुनिश्चित होने के उपरांत ही पोर्टल पर छात्रवृत्ति आवेदन सबमिट हो सकेंगे।
उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति के आवेदनों के निष्पक्ष एवं त्वरित निस्तारण के क्रम में अंकतालिकाओं का सत्यापन  डिजी लॉकर अथवा राज ई-वॉल्ट के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था तथा पहले आओ-पहले पाओ पद्धति को लागू करते हुए विभाग द्वारा नवीनतम मानक प्रक्रिया संचालित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति योजना में जालसाजी/धोखाधड़ी करने वाले विद्यार्थियों, ई-मित्र संचालक तथा संस्थानों के विरूद्ध नियमानुसार ठोस एवं सख्त कार्यवाही की जावेगी। जो विद्यार्थी अपात्र होने के बाद भी आवेदन कर गलत तरीके से छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहा है,उसको विभाग द्वारा डीबार किया जाएगा। साथ ही ऐसे शिक्षण संस्थाएं जो ऐसे विद्यार्थियों के झूठे आवेदनों को स्वीकृत कर उनको छात्रवृत्ति दिलाने में संलिप्त है, उनको भी ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। अनुसूचित जाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति अंतर्गत विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कॉलरशिप का 60 प्रतिशत अंशदान केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत अंशदान राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस कारण से विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति दो बार में उनके अकाउंट में हस्तांतरित की जाती है।

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