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जयपुर। प्रदेश के किसानों को दिन के समय अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध करवाने और ग्रामीण क्षेत्रों में विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयत्रों को बढावा देने के लिए पीएम-कुसुम कम्पोनेन्ट-सी फीडर लेवल सोलराइजेशन के तहत शुरू की गई सौर कृषि आजीविका योजना के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। योजना के तहत जयपुर डिस्कॉम द्वारा 52.66 मेगावाट क्षमता के 20 सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए सफलतापूर्वक कार्यादेश जारी कर दिए हैं और 347 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों के लिए निविदाएं जारी कर दी गई है।
जयपुर डिस्कॉम के प्रबन्ध निदेशक आर.एन.कुमावत ने बताया कि जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में लगभग 5100 मेगावाट क्षमता के 1700 सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए 33/11 केवी के 1395 सब-स्टेशनों को चिन्हित कर लिया है और इन सौर ऊर्जा संयत्रों की सूची व क्षमता सौर कृषि आजीविका योजना (SKAY) पोर्टल पर उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि जयपुर डिस्कॉम द्वारा 113 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए निविदा जारी की गई थी, जिसमें से 52.66 मेगावाट के 20 सौर ऊर्जा संयत्रों की स्थापना के लिए सफलतापूर्वक कार्यादेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही आवेदकों/प्रतिभागियों की रूचि को देखते हुए 347 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयत्रों के लिए भी निविदाएं जारी की जा चुकी है, जोकि ई-प्रोक्योरमेन्ट राजस्थान पोर्टल पर उपलब्ध है।
कुमावत ने बताया कि किसानों, भूमि मालिकों और सौर ऊर्जा विकासकर्ताओं की सुविधा के लिए ऊर्जा मंत्री भंवर सिह भाटी द्वारा सौर कृषि आजीविका योजना- आनॅलाइन भूमि पंजीकरण वेब पोर्टल का शुभारम्भ किया गया था। इस पोर्टल का उद्देश्य किसानों व भूमि मालिकों को रेस्कों (RESCO) मोड पर सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए पूर्व निर्धारित लीज के आधार पर अपनी बंजर व अनुपयोगी भूमि को लीज पर देने का अवसर देकर राज्य के प्रचुर भूमि संसाधनों का उपयोग करना है और इच्छुक सौर ऊर्जा विकासकर्ता को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए भूमि की उपलब्धता की जानकारी देना है।
उल्लेखनिय है कि सरकार का उद्देश्य राजस्थान को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए राज्य की 142 गीगावाट (राजस्थान सोलर पालिसी-2019) की विशाल सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता का दोहन करके नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करना है। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोंतों जैसे कोयला, तेल व गैस आदि पर निर्भरता को कम करके उपभोक्ताओं को गैर-परम्परागत ऊर्जा स्त्रोंतों के माध्यम से सस्ती और अच्छी गुणवत्ता की बिजली प्रदान करना है।