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जनहित में 33 केवी एवं 11 केवी विद्युत लाइनों को 50 प्रतिशत निगम खर्च पर भूमिगत करने का प्रावधान -ऊर्जा राज्यमंत्री
जयपुर, (12 मार्च 2025)। ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि आबादी क्षेत्र से गुजरने वाली बिजली की हाई वोल्टेज लाइनों को शत-प्रतिशत विद्युत निगम के खर्चे पर शिफ्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा निर्जन स्थान पर यह लाइन बिछाई जाती हैं। लेकिन लगातार आबादी विस्तार के कारण यह लाइनें आबादी क्षेत्र में आ जाती हैं। इनसे दुर्घटना की आशंका रहती है। जनहित में 33 केवी एवं 11 केवी की ऐसी विद्युत लाइनों को लागत का 50 प्रतिशत निगम तथा शेष 50 प्रतिशत आवेदक, संबंधित निकाय, सांसद या विधायक निधि अथवा राज्य सरकार द्वारा वहन किए जाने पर इन्हें भूमिगत किया जाता है।
नागर प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया 132 केवी एवं इससे अधिक वोल्टेज की बिजली की लाइनों को आवेदक द्वारा सम्पूर्ण राशि वहन करने पर ही शिफ्ट किया जाता है।
इससे पहले विधायक कैलाश चन्द वर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में ऊर्जा राज्यमंत्री ने अवगत कराया कि विद्युत आपूर्ति के लिए नियम एवं शर्तें-2021 एवं जारी संशोधनों में वर्णित प्रावधानों के अनुसार आबादी क्षेत्र से गुजरने वाली तथा दुर्घटना की आशंका वाली 33 केवी क्षमता की विद्युत लाइनों कोे आवेदक या किसी संस्था द्वारा व्यय की 50 प्रतिशत तथा शेष 50 प्रतिशत राशि निगम द्वारा वहन करने पर अन्यत्र स्थानांतरित करने का प्रावधान है।वहीं 132 केवी एवं इससे अधिक वोल्टेज वाली विद्युत लाइनों को आवेदक द्वारा लागत की पूर्ण राशि जमा कराने पर तथा पथाधिकार (राइट ऑफ वे) की उपलब्धता एवं तकनीकी साध्यता के आधार पर शिफ्ट किया जाता है। उन्होंने अवगत कराया कि बगरू विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 33 केवी तथा 11 केवी लाइन शिफ्टिंग के 2-2 प्रकरण स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं।
नागर ने बताया कि विधानसभा क्षेत्र बगरू के बड़ी का खेड़ा गांव के आबादी क्षेत्र से 132 केवी बगरू रीको लाइन तथा 33 केवी तक की हाई वोल्टेज विद्युत लाइनें आबादी क्षेत्र से गुजर रही हैं। जो कि झूलती हुई नहीं हैं।