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राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह- विद्यार्थियों को उच्च संस्कार देकर समाज सेवा की भावना विकसित करें शिक्षक
शिक्षा विभाग के विभिन्न नवाचारों का मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ
जयपुर, (5 सितम्बर 2023)। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक से बढ़कर एक निर्णय किये हैं, जिससे राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। गहलोत ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को उच्च संस्कार देकर उनमें समाज सेवा की भावना विकसित करें। उन्होंने कहा कि उन्नत और खुशहाल राजस्थान बनाने के लिए राज्य सरकार ने मिशन- 2030 की शुरुआत की है, जिसमें शिक्षकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस मिशन के माध्यम से विजन डॉक्यूमेंट तैयार कर वर्ष 2030 तक देश के प्रथम राज्यों की पंक्ति में राजस्थान को शुमार करवाना हमारा ध्येय है।
गहलोत मंगलवार को बिड़ला सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में 50 जिलों के 149 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। उन्होंने सम्मानित शिक्षकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी तथा उनके सम्मान में प्रकाशित ‘शिक्षक सम्मान’ पुस्तिका का विमोचन भी किया। साथ ही, भोपाल में आयोजित 66वें राष्ट्रीय स्कूल टूर्नामेंट में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले 6 खिलाड़ियों का भी सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान अब काफी बदल चुका है। शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ ही प्रत्येक क्षेत्र में प्रदेश काफी आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं देश के अन्य राज्यों के लिए मिसाल बन रही है और इन योजनाओं को आधार बनाकर कई राज्यों की सरकारें अपने मेनीफेस्टो तैयार कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से हर जरूरतमंद व्यक्ति तक राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने का आह्वान किया।
प्रदेश में बदली शिक्षा की तस्वीर –
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ बदलाव आवश्यक है। राज्य सरकार ने वर्तमान समय में अंग्रेजी भाषा के महत्व को समझते हुए राज्य में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले हैं। इन विद्यालयों में वर्तमान में 6 लाख से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। राज्य में संस्कृत विश्वविद्यालय एवं वैदिक विद्यालय खोले गए हैं। राजकीय विद्यालयों में कम्प्यूटर शिक्षकों की भर्ती की गई है। राज्य में विश्वविद्यालयों की संख्या 90 से अधिक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में अब उच्च अध्ययन के लिए ट्रिपल आईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों के साथ ही आयुर्वेद युनिवर्सिटी, लॉ युनिवर्सिटी, पत्रकारिता युनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज आदि संस्थान उपलब्ध हैं, जिससे विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस योजना के अंतर्गत 500 विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए विदेश भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण एवं शहरी ओलम्पिक खेलों के आयोजन से खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल बन रहा है। अन्य राज्यों की सरकारें भी अब इसका अनुसरण कर रही है। राज्य में खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नौकरियां एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया जा रहा है।
सकारात्मक सोच के साथ हो रहा काम –
गहलोत ने कहा कि हम सकारात्मक सोच के साथ कार्य कर रहेे हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच के अनुरूप अंतिम व्यक्ति को ध्यान में रखकर राज्य सरकार अपनी योजनाएं तैयार कर रही है। इन योजनाओं से हर वर्ग को राहत मिल रही है। स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम, न्यूनतम आय की गारंटी अधिनियम एवं गिग वर्कर्स के कल्याण के लिए बनाए गये कानून जैसे ऐतिहासिक निर्णय किए गए हैं, जिनकी सर्वत्र सराहना हो रही है। राज्य में प्रत्येक परिवार को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जा रहा है, जो अन्यत्र कहीं नहीं है। राज्य में लगभग 1 करोड़ लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। प्रदेश में 1.50 लाख किलोमीटर लम्बाई की सड़कें बन रही हैं। आर्थिक विकास दर में राजस्थान उत्तरी भारत में प्रथम एवं देश में दूसरे स्थान पर है।
मानवीय दृष्टिकोण से लागू की पुरानी पेंशन –
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीएस बहाली का निर्णय राजनीतिक वजह से नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से किया गया है। वर्षों तक सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारियों को केवल शेयर बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ओपीएस बहाली के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। इस फैसले का देश के अन्य राज्यों में भी प्रभाव पड़ा है और केन्द्र सरकार को भी इस सम्बन्ध में कमेटी बनानी पड़ी। इसी प्रकार, कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने के लिए आरजीएचएस योजना लागू की गई है। कोरोना के दौरान मृतक 330 कोरोना वॉरियर्स के आश्रितों को 165 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। राज्य सरकार के ये निर्णय गुड गवर्नेंस के प्रतीक हैं।
नवाचारों का हुआ शुभारम्भ –
समारोह में मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के विभिन्न नवाचारों का शुभारम्भ किया। उन्होंने शाला दर्पण शिक्षक एप का लोकार्पण तथा नये फीचर्स से युक्त शाला सम्बलन 2.0 एप का अनावरण किया। साथ ही, राज्य में 12 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ई-एजुकेशन उपलब्ध करवाने के लिए स्कूल आफ्टर स्कूल प्रोग्राम का शुभारम्भ भी किया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत ‘मिशन ज्ञान’ के सहयोग से बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल समय पश्चात सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव कक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राज्य के 300 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में स्थापित की गई रोबोटिक्स लैब्स का शुभारम्भ किया। इन लैब्स के माध्यम से विद्यार्थियों को नवीनतम तकनीकी क्षेत्र का ज्ञान स्कूली स्तर से ही उपलब्ध हो सकेगा और वे निजी स्कूल्स के विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे। उन्होंने विद्यालयों में ई-कक्षाओं के संचालन के लिए मिशन स्टार्ट कार्यक्रम तथा राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल कम्प्यूटरीकरण प्रोग्राम का शुभारम्भ किया। समारोह में वेदान्तु इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड एवं लीडरशिप बुलेवर्ड प्रा.लि. (लीड) सहित विभिन्न संस्थानों के साथ एमओयू किए गए। कार्यक्रम में विभाग के नवाचारों पर आधारित शॉर्ट वीडियो फिल्म्स का प्रदर्शन भी किया गया।
शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि शास्त्रों में गुरू का स्थान ईश्वर से भी ऊंचा बताया गया है। शिक्षक समाज में निरंतर आदर्श प्रस्तुत कर नई पीढ़ी के प्रेरणास्रोत बनें तथा विद्यार्थियों को संस्कार देकर उन्हें सांस्कृतिक प्रदूषण से बचाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालय खोलने सहित विभिन्न कदम उठाए हैं।
समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा खान, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, शासन सचिव स्कूल शिक्षा विभाग नवीन जैन, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कानाराम सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं बड़ी संख्या में शिक्षक उपस्थित रहे।