Rajasthan Update
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दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन आरम्भ

उद्घाटन सत्र सम्मेलन में 'प्रभावी राजस्व प्रबंधन के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना' विषय पर हुई सार्थक चर्चा

जयपुर, । वित्त विभाग द्वारा इलेट्स टेक्नोमीडिया के साथ साझेदारी में दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमें शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों एवं राज्यों के प्रशासनिक अधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ, अकादमिक संस्थान के प्रतिनिधि, उद्योगों के प्रतिनिधि बैंकिंग संस्थान के प्रतिनिधि आदि सम्मिलित हुये। उद्घाटन सत्र सम्मेलन की शुरुआत में ‘प्रभावी राजस्व प्रबंधन के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना’ विषय पर सत्र रखा गया।
सम्मेलन में वित्त (राजस्व) विभाग के शासन सचिव डॉ कृष्णा कात पाठक ने राजस्व प्रबंधन को राष्ट्र के विकास की महत्वपूर्ण आयाम से जोड़ते हुये यह कहा कि हमें राजस्व के वर्तमान क्षेत्रों को भावी आवश्यकताओं के अनुरूप पहले से परीक्षित करने का प्रयास करना चाहिये, क्योंकि जो क्षेत्र आज कम अधिक या सामान्य संभावनाओं का है, वह कल परिवर्तित हो सकता है।
 गुजरात सरकार के वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेपी गुप्ता ने राजस्व प्रबंधन पर अपने अमूल्य दृष्टिकोण साझा किए, जिसमें उन्होंने चाणक्य का संदर्भ देते हुये कहा कि कराधान की तुलना तितली और फूल के बीच के रिश्ते से की जा सकती है। जिस प्रकार तिराली फूल से पराग लेती है परन्तु फूल को कोई क्षति नहीं पहुंचाती है अपितु परागण कर उसका विकास ही करती है, उसी प्रकार समुचित कराधान भी अर्थव्यवस्था का विकास करती है।
सत्र में रोहित गुप्ता, सचिव, वित्त (बजट), वित्त विभाग, राजस्थान सरकार ने वित्त विभाग के आइएफएमएस पोर्टल के नवाचारों और उसमें किये जा रहे ऑटोनेशन पर प्रस्तुतीकरण देते हुये यह कहा कि इसका बड़ा लाभ वित्त के सरल और मानक प्रबन्धन में प्राप्त होगा। बजट, वेतन व पेंशन आदि में भी इस प्रकार का इंटीग्रेशन किया जा रहा है कि इसमें प्रशासनिक विभागों एवं कार्मिकों को अभूतपूर्व सुविधायें प्राप्त होगी।
राजस्थान सरकार के वित्त (कर) विभाग की संयुक्त सचिव नम्रता वृष्णि ने राजस्व के क्षेत्र में राज्य की प्रगति और वर्तमान नवाचारों की प्रक्रिया को साझा किया, जिसमें उन्होंने मुख्य रूप से वाणिज्यिक कर विभाग में जीएसटी बैट रिस, बिलिंग सिस्टम आदि को समाहित करते हुये आइसीटीएमएस पोर्टल बनाये जाने के लाभों का वर्णन किया। साथ ही उन्होंने इसमें टैक्स मित्र के नियोजन की घोषणा के सम्बन्ध में भी नावी रणनीति की चर्चा की। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में किये जाने वाले नवाचारों जैसे ऑटो डीड जेनरेशन सिस्टम राजस्टैम्प आधार बेस्ड प्रमाणीकरण, राजस्व संभावनाओं का मैप बेस्ड इंटीग्रेशन मॉडल उपपंजीयक कार्यालयों की स्थापना प्रॉपर्टी रजिस्टर, मौकानिरीक्षको का नियोजन आदि पर प्रकाश डाला।
इलेट्स टेक्नोमीडिया के संस्थापक प्रकाशक और प्रधान संपादक डॉ रवि गुप्ता ने उपस्थित लोगों का स्वागत करते हुये कहा कि वित्त में राजस्व के बिन्दुओं को लेकर इस प्रकार का प्रथम सम्मेलन आयोजित किया गया है, जो आगे आने वाले अवसरों और चुनौतियों के समाधान में महत्वपूर्ण कदम बनेगा।
ए स्मॉल फाइनेंस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय अग्रवाल ने बैंकिंग परिप्रेक्ष्य से मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की।
सम्मेलन में वाणिज्यिक कर पर विशेष सत्र आयोजित किया गया जिसमें जीएसटी में रिटर्न कम्पलाइन्स बढ़ाने में राज्य की अनूतपूर्व प्रगति पर विशेष बल दिया गया। इसमें किये जा रहे नवप्रवर्तनों पर डॉ. रवि कुमार सुरपुर मुख्य आयुक्त (राज्य कर), वाणिज्यिक कर विभाग ने विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कर व्यवस्था में आ रही चुनौतियों के लिये संभावित समाधानों पर भी चर्चा की। कुलदीप कुमार सिंह ने वाणिज्यिक कर की वर्तमान स्थिति व प्रगति पर अपना प्रस्तुतीकरण दिया।
ये वक्ता हुए सम्मिलत—
सम्मेलन में प्रशासनिक कार्यों एवं राजकीय नीतियों की डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से क्रियान्वित करने पर बल दिया गया, जिससे राजस्व प्रणालियों का आधुनिकीकरण करने, राजस्व वृद्धि मे आने वाली चुनौतियों का समाधान कर नवीन अवसरों का निर्माण करने पर चर्चा की गई। इसमें कर सरलीकरण सम्बन्धी अब तक की यात्रा और आगे की रणनीति सहित विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्र प्रस्तुत किए गए, जिसमें सम्मानित वक्ता के रूप में, राजस्थान सरकार, एस. नारायणन, सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा सरकार, रंजीत कुमार जे सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो क्ति विभाग, गुजरात सरकार के आयुक्त आर पी गुप्ता, सचिव, राजस्व विभाग, हरियाणा सरकार मुसिबाकु अभिशिक्त किशोर विशेष आयुक्त (एसटी) एफएसी वाणिज्यिक कर विभाग, आंध्र प्रदेश सरकार और वरदराजन तकनीकी निदेशक, आईटी एवं संचार विभाग,राजस्थान सरकार, डी एम. प्रभाकर रेड्डी, संयुक्त सचिव, सीसीएलए (भूमि), राजस्व विभाग, आंध्र प्रदेश सरकार निधि चौधरी, संयुक्त आयुक्त वस्तु एवं सेवा कर विभाग (जीएसटी) महाराष्ट्र सरकार रितेश कुमार अग्रवाल आयुक्त वाणिज्यिक कर जीएसटी विभाग, छत्तीसगढ़ सरकार, नम्रता वृद्धि संयुक्त सचिव, वित्त (कर), राजस्थान सरकार: मंदार गुप्ते व अनुराग दुआ, पार्टनर अर्ट एंड यंग एलएलपी अरविंद मिश्रा सलाहकार राज्य जीएसटी (मॉडरेटर) सुमिदा देवी संयुक्त सचिव जीएसटी परिषद, भारत सरकार नेहा यादव, डिप्टी कमिश्नर जीएसटी पॉलिसी दिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार अमित समदरित उपायुक्त जीएसटी नीति विंग, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) वित्त मंत्रालय भारत सरकार ने अपने दृष्टिकोण साझा किए कि कैसे नवीन दृष्टिकोण राजस्य प्रबंधन में क्रांति ला सकते हैं।
कार्यक्रम में प्रश्नोतरकाल में भी अनेक महत्वपूर्ण बिन्दु उठाये गये तथा समुचित सुझाव भी प्राप्त किये गये। इस प्रकार पहला दिन उत्साहपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिससे प्रतिभागियों को दूसरे दिन होने वाली समृद्ध चर्चाओं के प्रति उत्सुकता प्रकट की गई है। राजस्य सम्मेलन के दूसरे समापन दिवस पर राजस्य विभाग के विविध बिन्दुओं के साथ-साथ विशेष रूप से पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग, भू-राजस्व, परिवहन विभाग, खनन विभाग आदि के क्षेत्रों में प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा रखी गई है जिसमें अन्य राज्यों के प्रतिनिधि भी अपने अनुभवों और सुझावों को साझा करेंगे।

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