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जयपुर, (12 अगस्त 2023)। विधि एवं विधिक कार्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव ज्ञानप्रकाश गुप्ता ने लोक अभियोजक की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोक अभियोजकों द्वारा पोक्सो के प्रकरणों में प्रखरता एवं दक्षता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है जिससे कि पोक्सो के प्रकरणों में सफलता दर में वृद्धि हो तथा अभियुक्त को पर्याप्त दंड मिल सके।
गुप्ता शनिवार को यहाँ शासन सचिवालय स्थित कांफ्रेंस हॉल में आयोजित पोक्सो प्रकरणों में अभियोजन में प्रखरता लाने हेतु कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने मौजूद लोक अभियोजकों से अभियोजन में आ रही समस्याओं पर विस्तार से चर्चा कर कहा कि हमे मौजूदा आधारभूत संरचना में सामंजस्य स्थापित कर अपने उत्तरदायित्वों को पूरा करना चाहिए।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विधि सचिव अनुपमा राजीव बिजलानी ने भी पोक्सो के प्रकरणों की सफलता दर में वृद्धि हेतु अपने विचार व्यक्त कर सभी अभियोजकों समस्याओं पर व्यापक चर्चा की। जिससे की अभियोजन कार्यवाही में दक्षता एवं प्रखरता लायी जा सके।
इस दौरान विधि विभाग के संयुक्त विधि परामर्शी विवेक चौहान द्वारा पीपीटी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से पाक्सो प्रकरणों में अभियुक्त की दोषमुक्ति में रहने वाली कमियां एवं अन्वेषण स्तर पर संभावित त्रुटियों से प्रतिभागियों को अवगत करवाया गया। इस दौरान पोक्सो मामलों में सर्वाधिक दोष सिद्धि दर प्राप्त करने वाले लोक अभियोजकों को सम्मानित किया गया। इस दौरान पोक्सो एक्ट के विभिन्न कानूनी एवं सामाजिक आयामों पर चर्चा की गयी।
कार्यशाला के दौरान विधि एवं विधिक कार्य विभाग के विशिष्ट सचिव गिरिजेश ओझा ने पोक्सो एक्ट के तहत आ रही वास्तविक आयामों पर विस्तार से चर्चा कर कहा कि वर्तमान कानून को ध्यान से पढ़ें व गवाहों की सूची तैयार कर सम्पूर्ण तैयारी के साथ मामलों पर कार्य किया जाये तो परेशानियों का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने इस दौरान पोक्सो मामलों में जांच और उम्र निर्धारण में चूक के कारण बरी हुए आरोपियों के मामलों गहनता से चर्चा की।
वही कार्यशाला में गृह विभाग के सचिव रवि शर्मा ने अपने वक्तव्य में पोक्सो एक्ट समाज के प्रत्येक तबके में जागरूकता लाने पर जोर देते हुए कहा कि समाज को सही दिशा एवं सुरक्षा देना हम सभी की प्रमुख जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने पॉस्को मामलों में सुनवाई के दौरान साक्ष्यों को दर्ज करने में अभियोजन पक्ष की ओर से चूक के कारण आरोपियों को बरी करने के मामलों पर चर्चा कर कार्यशाला में मौजूद अभियोजनों से समस्याओं एवं समाधानों पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला में एफएसएल निदेशक अजय शर्मा एवं फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्राचार्य डॉ. सुमन दत्ता ने पोक्सो अधिनियम प्रकरणों में चिकित्सकीय साक्ष्य एवं उपयोगिता के संबंध में विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला में पुलिस विभाग कार्यशाला में पुलिस विभाग की अधिकारी अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (पूर्व) सुश्री सुमन चौधरी भी शामिल हुई जिन्होंने अन्वेषण में रहने वाली त्रुटियों के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा कर समाधानों पर विचार विमर्श किया। इस दौरान राजस्थान विश्वविद्यालय के विधि संकाय के सेवानिवृत्त प्राचार्य प्रो बी डी रावत ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।
अंत में विधि सचिव अनुपमा राजीव बिजलानी ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित कर प्रमुख शासन सचिव विधि एवं सचिव द्वारा प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र भेंट किये गये।