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जयपुर,। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने बुधवार को विधानसभा में अवगत कराया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना लगभग 97% राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है। उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के अनुसार अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कम से कम 1000 रुपये दिये जाएंगे। इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार का अंशदान लगभग एक प्रतिशत ही रह जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री प्रश्नकाल में इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर करीब 11 हजार 500 करोड़ रुपये जबकि केंद्र सरकार करीब 367 करोड़ रुपये ही खर्च कर रही है। इससे पहले जूली ने प्रश्नकाल के दौरान विधायक श्री गणेश घोघरा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के ऑनलाइन आवदेन केवल वही व्यक्ति प्रस्तुत कर सकते हैं, जो जनआधार मेटाडेटा के अनुसार पेंशन की पात्रता रखते हैं, चुकि जनाधार का डाटा एक सत्यापित डेटा है। अतः इसके आधार पर पेंशन की स्वीकृति स्वतः बिना मानवीय हस्तक्षेप के जारी की जाती है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2021 को आटो पेंशन स्वीकृत प्रकिया प्रारम्भ होने के बाद यदि जनाधार मे संशोधन करवाया गया है, तो ऐसे आवेदनकर्ता के आवेदन की पेंशन स्वतः स्वीकृत न होकर सत्यापनकर्ता अधिकारी व स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा जांच के उपरांत पेंशन स्वीकृति जारी की जाती है।
जूली ने बताया कि फर्जी पेंशन भुगतान रोकने के लिये विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 2021 के उपरांत जनाधार में संशोधन करवाने के बाद पेंशन आवदेन करने पर ऐसे आवेदनों को स्वतः स्वीकृत करने के स्थान पर संबंधित सत्यापनकर्ता अधिकारी व स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा जांच किये जाने के उपरांत अधिकतम 45 दिन में पेंशन स्वीकृत की जाती है। जूली ने कहा कि यदि ऑनलाइन आवेदन पत्र 45 दिन उपरांत स्वतः स्वीकृत हो जाता है तो ऐेसे आवेदन पत्रों का सत्यापनकर्ता अधिकारी व स्वीकृतिकर्ता अधिकारी द्वारा पोस्ट ऑडिट का कार्यपूर्ण होने के उपरांत ही एरियर सहित भुगतान प्रारम्भ होता है।
जूली ने कहा कि सभी पेंशनर्स का वार्षिक भौतिक सत्यापन केवल बायोमैट्रिक आधारित ही करवाया जा रहा है। पेंशन हेतु ऑनलाइन आवेदन केवल बायोमैट्रिक सत्यापन के उपरांत ही ग्रहण किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि आनलाइन पेंशन का आवेदन करते समय यदि आवेदक की आधार व जनाधार में अंकित आयु में भिन्नता होती है तो ऐसे आवदेन पोर्टल पर प्राप्त नहीं किए जाते हैं। जिन अपात्र व्यक्तियों द्वारा पेंशन प्राप्त की गयी है तो उन पेंशनर्स से भुगतान की गयी पेंशन राशि मय 18 प्रतिशत ब्याज के साथ वसूल करने की कार्यवाही स्वीकृतिकर्ता अधिकारियों (SDO/BDO) द्वारा की जा रही है।