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जयपुर, । कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में पशुधन के प्रति युवा पीढ़ी की रूचि बढ़ रही है और वे इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। लम्पी जैसी महामारी के बाद पशु चिकित्सा का महत्व भी बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां दो पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय होंगे।
कटारिया गुरुवार को विधान सभा में राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (जोबनेर) जयपुर विधेयक – 2023 पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लम्पी महामारी के दौरान कुशल प्रबंधन किया और धन के साथ ही दवा-टीकाकरण की कमी नहीं आने दी। उन्होंने कहा कि पशुधन को बचाने एवं पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जोबनेर में राज्य का दूसरा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय खोला जा रहा है।
कृषि एवं पशुपालन मंत्री ने बताया कि राज्य में 5 लाख 66 हजार पशुधन एवं 1 लाख 46 हजार कुक्कुट सम्पदा है। भारत सरकार के नये आंकड़ों के अनुसार दूध उत्पादन में प्रदेश का पहला स्थान है। उन्होंने कहा कि खेती एवं पशुपालन सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ाने की मंशा से यह विधेयक लाया गया है। विश्वविद्यालय की स्थापना से ग्रामीण परिवारों के बच्चों को भी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान की आधुनिकतम तकनीक से युक्त शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।
कटारिया ने बताया कि बीकानेर में स्थित पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र में 16 जिले होंगे जबकि जोबनेर में स्थापित होने वाले नये विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र 17 जिलों का होगा।
इससे पहले विधेयक को जनमत जानने के लिए परिचालित करने का प्रस्ताव सदन ने ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिया।