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जयपुर, । राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष महादेव सिंह खंडेला नेे सोमवार को भीलवाडा के नगर परिषद टाउनहॉल में कृषकों और कृषि से संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ खेती को उन्नत बनाने, किसानों की आय बढाने, एमएसपी समेत अन्य बिन्दुओं पर संवाद किया।
खंडेला ने बताया कि राजस्थान किसान आयोग का गठन किसानों की समस्याओं के व्यावहारिक और स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल समाधान राज्य सरकार तक पहुंचाने के लिए किया गया है। इसी उद्देश्य के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशानुरूप कृषकों की समस्याओ को सुनने एवं समस्या समाधान सुझाव हेतु राज्यभर में कृषक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है । कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा कृषकों के हित के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में चर्चा की गई। खंडेला ने कहा कि किसानो को हाइटेक खेती के लिए आगे आना चाहिये तथा कृषि के क्षेत्र की नवीनतम प्रौद्योगिकी को अपना कर फसल उत्पादन एवं आय बढ़ाने का प्रयास करें। उन्होंने किसानो से क्षेत्र में कार्यरत कृषि कार्मिकों से सम्पर्क कर समस्याओं का निराकरण करवाने का आहवान किया।
कृषि अर्थशास्त्री व पूर्व निदेशक महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर डॉ सुखदेव सिंह बुरड़क ने कहा कि बिना संवाद के कोई समाधान नहीं होता है। उन्होंने कृषकों को बाजार में कृषि जिंसो के समयानुसार विपणन की सलाह दी व जागरूक होकर सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने की बात कही। फसलों के विपणन के लिए उचित बाजार की उपलब्धता आदि के बारे में भी जानकारी दी।
अतिरिक्त निदेशक, कृषि (वि.) खण्ड भीलवाडा डॉ. रामावतार शर्मा ने जिले के कृषि परिदृश्य तथा राज्य सरकार द्वारा संचालित किसान हितार्थ योजनाओं के लक्ष्य एवं प्रगति से अवगत करवाया। साथ ही उद्यान विभाग द्वारा संचालित योजनाएं सोलर पम्प, सब्जी बीज मिनीकिट, फव्वारा संयंत्र, सूक्ष्म सिंचाई योजना आदि की जानकारी उपस्थित किसानो को दी ।
कार्यक्रम में राजस्थान किसान आयोग सदस्य एस के जैन, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) श्री राजेश गोयल, राजस्थान किसान आयोग उप सचिव डॉ. नीता, संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) इंद्रसिंह संचेती, कृषि वैज्ञानिक पूर्व कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय कोटा डॉ जी०एल० केसवा, जैविक कृषि विशेषज्ञ प्रो. ओ.पी.खेदड, उद्यानिकी विशेषज्ञ व निदेशक कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर डॉ. इन्द्र भूषण मौर्य, फसलोत्तर प्रबन्ध विशेषज्ञ, प्रधान वैज्ञानिक (बागवानी), केन्द्रीय शुष्क कृषि अनुसंधान केन्द्र, प्रादेशिक अनुसंधान संस्थान, बीकानेर डॉ. बीरबल, प्रगतिशील कृषक श्रीमती सोहनी चौधरी आदि मौजूद रहे।