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जयपुर, 31 जनवरी। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविन्द राम मेघवाल ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि बारां जिले में बाढ़ से प्रभावित किसानों तथा पशुपालकों को यदि किसी कारणवश सहायता राशि नहीं मिल पायी है तो ऐसे प्रकरणों की जांच करवा कर शीघ्र राहत दिलाई जाएगी। उन्होंने सदन में आश्वस्त किया कि बारां जिले में पशुपालक की 45 बकरियां मरने तथा मकान गिरने पर मकान मालिक को सहायता राशि नहीं मिलने के मामले में भी शीघ्र निर्णय लेकर राहत पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
मेघवाल ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि 10 अक्टूबर, 2022 को एसडीआरएफ के प्रावधानों में संशोधन किये गए हैं। उन्होंने बताया कि कच्चे मकान के लिए पहले पहले 95 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती थी, जिसे 1 लाख 20 हजार किया गया है। इसी प्रकार झोंपड़ी के लिए राशि को 4 हजार से बढ़ाकर 8 हजार रुपये किया गया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के प्रावधानों के मुताबिक ही राज्य सरकार द्वारा एसडीआरएफ के तहत सहायता राशि दी जाती है। बारां जिले के उक्त दोनों प्रकरणों के एसडीआरएफ प्रावधानों में नहीं आने के कारण सहायता राशि नहीं दी गई है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यदि कोई पात्र व्यक्ति नियमों में नहीं आने के कारण सहायता राशि से वंचित रह जाता है, तो राज्य सरकार द्वारा नियमों में संशोधन करने पर विचार किया जाना चाहिये।
इस संबंध में मेघवाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पशुपालकों तथा किसानों के हित में एसडीआरएफ के प्रावधानों में बदलाव के संबंध में उचित निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने विधायक पानाचन्द मेघवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि जिला बारां में विगत 3 वर्षों में बाढ़ और जल भराव के कारण मानव क्षति-24, पशु क्षति-1945, मकान क्षति (कच्चे/पक्के)- 16016, अन्य क्षति (कपड़ा-बर्तन, शेड)-947 हुई है। उन्होंने बताया कि 13 हजार 431 प्रभावित लोगों को 6.18 करोड़ रूपये की सहायता दी गई है। उन्होंने इसका वर्षवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
मेघवाल ने बताया कि इस अवधि में बाढ़ से 1408 परिसम्पत्तियों का नुकसान हुआ है तथा विगत 03 वर्षों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत करा दी गई है। उन्होंने बताया कि जिला बांरा से वर्ष 2021-22 में 162 पुलिया कार्य हेतु 3195.65 लाख रूपये एवं 2022-23 में 27 पुलिया कार्य हेतु 1423.00 लाख रूपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए। एसडीआरएफ प्रावधानों के अनुसार बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुलियाओं की तात्कालिक मरम्मत/पुर्नस्थापना हेतु 60 हजार रूपये प्रति किलोमीटर दिये जाने का प्रावधान है। श्री मेघवाल ने कहा कि उक्त प्रस्तावों में एसडीआरएफ प्रावधानों से अधिक राशि की मांग किये जाने के कारण प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किये गये है।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री ने बताया कि बाढ़ से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्तियों की तात्कालिक मरम्मत के लिए वर्ष 2020 में राशि रूपये 287.02 लाख, वर्ष 2021 में राशि रूपये 1125.56 लाख एवं वर्ष 2022 में राशि रूपये 1631.25 लाख सहित कुल राशि रूपये 3043.83 लाख की स्वीकृतियां जारी की गई। उन्होंने बताया कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सहायता देने एवं क्षतिग्रस्त सरकारी सम्पत्तियों की तात्कालिक मरम्मत का कार्य एसडीआरएफ प्रावधानों के अनुसार किये जाने का प्रावधान है।