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चितौड़गढ़ में विभागीय योजनाओं के तहत 32.34 करोड़ की राशि आवंटित – श्रम राज्य मंत्री

जयपुर, 24 जनवरी। श्रम राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि श्रम विभाग की योजनाओं के तहत चितौड़गढ़ जिले में अब तक 32.34 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की जा चुकी है।

 विश्नोई ने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में सदस्य द्वारा पूछे गये पूरक प्रश्न के जवाब में बताया कि शुभशक्ति योजना गत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में बंद की गई थी। उन्होंने बताया कि चितौड़गढ़ में श्रम विभाग की दस योजनाओं के तहत राशि दी जा चुकी है।

इससे पहले श्रम राज्य मंत्री ने विधायक  चन्द्रभान सिंह आक्या के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक मण्डल द्वारा संचालित योजनाओं से चित्तौडगढ जिले में गत तीन वर्ष में दिए गए लाभ का विधानसभा क्षेत्रवार विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि मण्डल में निर्माण श्रमिकों का पंजीयन 85 रूपए जमा कराने के पश्चात 5 वर्ष के लिये किया जाता है तथा इसकी अवधि पूर्ण होने के पश्चात श्रमिक द्वारा पुनः पात्रता रखने पर एवं नियमानुसार एक रूपए प्रतिमाह की दर से अंशदान जमा कराये जाने पर पंजीयन का नवीनीकरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के मध्य होनी चाहिये। पिछले 12 माह में न्यूनतम 90 दिन या इससे अधिक भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यों में नियोजित रहा हो तथा इसी अवधि अनुसार ही पात्रतानुसार अंशदान जमा कराये जाने के पश्चात पंजीयन का नवीनीकरण किया जाता है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत श्रमिकों को अंशदान अवधि पूर्ण होने के उपरान्त अपना अंशदान जमा कराना आवश्यक है।

 विश्नोई ने चित्तौड़गढ़ जिले में गत 3 वर्ष में मण्डल की योजनाओं में निरस्त किये गये आवेदनों की संख्या का विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि लंबित योजना आवेदनों के निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणा की अनुपालना में जिला कलक्टरों द्वारा गठित दलों से पात्रता के लिए कराये गये श्रमिकों के भौतिक सत्यापन में पाये गये गैर निर्माण श्रमिकों के आवेदनों को निरस्त किया गया है।

उन्होंने बताया कि श्रमिकों के द्वारा योजनाओं में उल्लेखित पात्रता एवं शर्तों की पूर्ति नहीं करने अथवा लम्बे समय तक विभाग द्वारा अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद पाई गई कमियों की पूर्ति नहीं करने की स्थिति में भी आवेदनों को निरस्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि आवेदन निरस्त होने की स्थिति में श्रमिकों को तीन माह की अवधि में योजना में आवेदन करने पर पुनः सुनवाई का विकल्प भी प्रदान किया गया है।

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